Kanyakubj Brahmins

विश्व योग दिवस पर 'उद्धरेदात्मानम्' का मूल मंत्र 'योग'

भारतीय दर्शन के अनुसार समस्त जड़-चेतन में वही 'महत्तत्व (ईश्वर)' व्याप्त है; परन्तु मानव योनी में उसका प्राकट्य चरम पर है. इसी कारण कहा गया है 'बड़े भाग मानुस तन पावा'. यह मानवों की आत्म-श्लाघा नहीं है. सभी जीवधारियों में सोचने और मनन करने की शक्ति केवल मनुष्य में ही है. इसीलिए वह मानव कहलाया. इस मानव जीवन का उद्देश्य 'उद्धरेदात्मानम्' बताया गया है. इस उन्नति (उद्धरण) का चरम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है, जिसे मोक्ष कहा गया है.

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